ग्रहरत्नभारधातुअंगुलीवारसमयसूर्यमाणिक्य3 रत्तीसोनाअनामिकारविप्रातःचन्द्रमोती3 रत्तीचांदीकनिष्कासोमप्रातःमंगलमूंगा6 रत्तीचांदीअनामिकामंगलप्रातःबुधपन्ना4 रत्तीसोनाकनिष्काबुधप्रातःगुरुपुखराज4 रत्तीसोनातर्जनीगुरुप्रातःशुक्रहीरा¼ रत्तीप्लेटिनमकनिष्काशुक्रप्रातःशनिनीलम4 रत्तीपञ्च धातुमध्यशनिसंध्याराहूगोमेद5 रत्तीअष्ट धातुमध्यशनिसूर्यास्तकेतुलहसुनिया6 रत्तीचांदीअनामिकागुरुसूर्यास्त
पंडित पवन कुमार शर्मा
27 नक्षत्र वाटिका-
नक्षत्र को अनुकूल बनाने के लिए उस नक्षत्र का जो पौधा कहा गया हैं उस पौधे का आरोपण करके उसका सिंचन व पूजन करना चाहिए ।
नक्षत्रवृक्षअश्विनीकेला, आक, धतूराभरणीकेला, आंवलाकृत्तिकागूलररोहिणीजामुनमृगशिराखैरआर्द्राआम, बेलपुनर्वसुबांसपुष्यसेमरआश्लेषानाग केसर और चंदनमघाबड़पूर्वाफाल्गुनीढाकउत्तराफाल्गुनीबड़ और पाकड़हस्तरीठाचित्राबेलस्वातिअर्जुनविशाखानीमअनुराधामौलसिरीज्येष्ठारीठामूलरालपूर्वाषाढ़ामोलसिरी/जामुनउत्तराषाढ़ाकटहलश्रवणआकधनिष्ठाशमी और सेमरशतभिषाकदम्बपूर्वाभाद्रपदआमउत्तराभाद्रपदपीपल और सोनपाठारेवतीमहुआ
जैसे - श्रवण नक्षत्र प्रतिकूल हो तो आक का पौधा लगाना चाहिए…
नक्षत्ररत्नस्वामी ग्रहअश्विनी नक्षत्रलहसुनियाकेतुभरणीहीराशुक्रकृत्तिकामाणिकसूर्यरोहाणीमोतीचन्द्रमृगशिरामूंगामंगलआर्द्रागोमेदराहूपुनर्वसुपुखराजगुरुपुष्यनीलमशनिअश्लेषापन्नाबुधमघालहसुनियाकेतुपूर्वाफाल्गुनीहीराशुक्रउत्तराफाल्गुनीमाणिकसूर्यहस्तमोतीचन्द्रचित्रामूंगामंगलस्वातिगोमेदराहूविशाखापुखराजगुरुअनुराधानीलमशनिज्येष्ठापन्नाबुधमूललहसुनियाकेतुपूर्वाषाढ़ाहीराशुक्रउत्तराषाढ़ामाणिकसूर्यश्रवणमोतीचन्द्रधनिष्ठामूंगामंगलशतभिषागोमेदराहूपूर्वाभाद्रपदपुखराजगुरुउत्तराभाद्रपदनीलमशनिरेवतीपन्नाबुध
पंडित पवन कुमार शर्मा
प्रकृति
नाड़ी
…
तिथिशुक्ल पक्षतिथिकृष्णपक्ष पूर्वार्द्ध उतरार्द्ध पूर्वार्द्ध उतरार्द्ध 1किन्स्तुघ्न बव16बालव कौलव2बालव कौलव17तैत्तिल गर3तैत्तिल गर18वणिज विष्टि4वणिज विष्टि19बव बालव5बव बालव20कौरव तैत्तिल6कौरव तैत्तिल21गर वणिज7गर वणिज22विष्टि बव8विष्टि बव23बालव कौलव9बालव कौलव24तैत्तिल गर10 तैत्तिल गर25वणिज विष्टि11वणिज विष्टि26बव बालव12बव बालव27कौलव तैत्तिल13कौलव तैत्तिल28गर वणिज14गर वणिज29विष्टि शकुनि15 विष्टि बव30चतुष्पाद नाग
पंडित पवन कुमार शर्मा
वर्षजन्म से विषम वर्ष (तीन या पांच)मासमाघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़पक्षशुक्लपक्ष तथा कृष्णपक्ष में प्रतिपदा से पंचमी तिथि पर्यत्नतिथियाँ2, 3, 5, 6, 7, 10, 11, 12वारसोम, बुध, गुरु एवं शुक्रनक्षत्रअश्विनी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वाती, अनुराधा, श्रवण एवं रेवतीलग्नवृष, मिथुन, कन्या, धनु एवं मीनअन्य त्याज्य समयहरिशयन, संक्रान्ति, मासान्त, गुरु-शुकास्त, बाल, वृद्ध के अतिचार, सिंह…
कुंडली में शुक्र ग्रह प्रतिकूल हो तो शुक्र ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए उपाय -
दान -
शुक्र ग्रह की शान्ति के लिये चित्रित सुन्दर वस्त्र, चावल, घी, स्वर्ण, धन, हीरा, सुगन्धित दिव्य पदार्थ तथा श्रृंगार-सामग्री एवं सवत्सा श्वेत गौ [स्फटिक, कपूर, शर्करा, मिश्री एवं दही इत्यादि] का दान करना चाहिये ।
रत्न -
हीरा रत्न…