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द्वादश राशियों मे केतु ग्रह का फल

मेष राशि में केतु हो तो जातक चंचल, बहुभाषी, सुखी होता हैं। वृष राशि में केतु हो तो जातक दुखी, निरुद्यमी, आलसी, वाचाल होता हैं। मिथुन राशि में केतु हो तो जातक वार्ताकारी, अल्प सन्तोपी, दाम्भिक, अल्पायु, क्रोधि होता हैं। कर्क राशि में केतु हो तो जातक वातविकारी, भूत-प्रेत पीडित, दुःखी होता हैं। सिंह राशि…

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ग्रह-अस्त

सबसे प्रकाशमान ग्रह सूर्य है। अन्य सभो ग्रह सूर्य के ही प्रकाश से प्रकाशमान होते है। सूर्य के समीप जब कोई ग्रह आ जाता है तो उसकी ज्योति विलीन हो जाती है अर्थात् वह ग्रह अस्त हो जाता है। चन्द्रमा - सूर्य के 12 अंश के भीतर आता है तो वह अस्त होता है। मंगल…

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गृह-निर्माण- स्थान-चयन

मनुष्य के जीवन में  गृह निर्माण का विशेष महत्त्व होता है, अतः अत्यन्त सावधानी के साथ गृह निर्माण कराना चाहिये। स्थान-चयन गृह-निर्माण के लिये प्रथम स्थान का चयन एवं गृहकर्ता के लिये उसकी अनुकूलता पर विचार करना चाहिये। जिस ग्राम, कालोनी आदि में गृह का निर्माण कराना हो, उस स्थान की राशि गृहकर्त्ता के नाम…

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गृह-निर्माण-दिशा-निर्धारण

मनुष्य के जीवन में गृह निर्माण का विशेष महत्त्व होता है, अतः अत्यन्त सावधानी के साथ गृह निर्माण कराना चाहिये। दिशा-निर्धारण गृह-निर्माण के लिये दिशा-निर्धारण एवं गृहकर्ता के लिये उसकी अनुकूलता पर विचार करना चाहिये। वास्तु शास्त्र में राशि एवं वर्ग के अनुसार निषिद्ध दिशा का उल्लेख प्राप्त होता है। वृष, सिंह, मकर और मिथुन…

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भूमि के मुख्य प्रकार 

सुगन्धा ब्राह्मणी भूमी रक्तगन्धा तू क्षत्रिया। मधुगन्धा भवेदद्वैश्या मद्यगन्धा च शूद्रिका ।। सुगंधयुक्त भूमि ब्राह्मणी, रक्त की गंध वाली भूमि क्षत्रिया, धान्य की सुगंध वाली वैश्या एवं मद्यगंधयुक्त भूमि शूद्रा कहलाती है । ब्राह्मणी भूमि : सुगंधयुक्त, सफेद रंग की मिट्टी वाली मधुर रसयुक्त, कुश घास से युक्त । क्षत्रिया भूमि : रक्तगंधा, लाल रंग की…

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चन्द्रमा-नवांश-अनुसार-शरीर का रंग

मनुष्य के चन्द्रमा के नवांश के अनुसार होता है। लग्ननवांश के अनुसार शरीर की आकृति होती है और चन्द्रमा जिस नवांश में होता है, उसके अधिपति के अनुसार जातक का रंग होता है। चन्द्रमा यदि सूर्य के नवांश में हो तो श्यामवर्ण होगा । चन्द्रमा यदि चन्द्रमा के नवांश में हो तो गोरवर्ण होगा । चन्द्रमा…

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हस्त रेखा के अनुसार रत्न धारण

हथेली में ग्रहों के स्थान को पर्वत कहते हैं । हस्त रेखा स्थानग्रह पर्वतरत्न धारण करेतर्जनी उंगली के नीचेबृहस्पति ग्रह पर्वतपुखराज या सुनहलामध्यमा के नीचेशनि ग्रह पर्वतनीलम या काकानीलीअनामिका के नीचेसूर्य ग्रह पर्वतमाणिक्यकनिष्टका के नीचेबुध ग्रह पर्वतपन्ना या ओनेक्समणिबंध से ऊपर, कनिष्टका के नीचे का क्षेत्रचन्द्र ग्रह पर्वतमोतीमणिबंध के ऊपरी हिस्से मेंकेतु ग्रह पर्वतलहसुनियाअंगूठे के…

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