पहचान | वृश्चिक राशि का स्वरूप- आकाशीय राशि प्रदेश में तारो को यदि रेखाओ से मिलाया जाये तो पृथ्वी के किसी बिंदु से आकाश में देखने पर बिच्छु के समान आकार दिखाई देता है । |
जातक का स्वरूप | दयावान, क्रान्तिकारी, अहंकारी क्रोधी, कटुभाषी, आलोचक, रिस्तेदारों से अनबन, स्वतन्त्र, अशान्त, कामुक, व्यसनी, उत्त, परस्त्री में आसक्त, विदेशवासी, निष्ठुर, माता के प्रति दुष्ट बुद्धि वाला होता है। |
स्वामी ग्रह | मंगल |
दिशा स्वामी | उत्तर |
तत्त्व | जल |
रंग | काला, पिला |
जीव संज्ञा | मूल |
कांति लक्षण | स्निग्ध |
शरीर में स्थान | गुप्तांग, गुदा |
धातु विकार | कफ |
भाग्य रत्न | मूंगा |
वर्ण | ब्राह्मण |
वश्य | जल कीट |
स्वभाव संज्ञा | स्थिर |
लिंग | स्त्री |
बलि समय | दिन |
उदय स्थिति | शीर्षोदय |