पहचान | तुला राशि का स्वरूप- आकाशीय राशि प्रदेश में तारो को यदि रेखाओ से मिलाया जाये तो पृथ्वी के किसी बिंदु से आकाश में देखने पर तराजू हाथ मे लिए पुरुष के समान आकार दिखाई देता है । |
जातक का स्वरूप | अकारण क्रोध करने वाला, दुःखी, मधुरभाषी, दयालु, चंचल नेत्रों वाला, अस्थिर धनवाला, घर में ही पराक्रम दिखाने वाला, व्यापार में चतुर, देवताओं का पूजन करने वाला, मित्रों के प्रति दयालु परदेशवासी तथा मित्रों का प्रिय पात्र होता है। |
स्वामी ग्रह | शुक्र |
दिशा स्वामी | पश्चिम |
तत्त्व | वायु |
रंग | नीला |
जीव संज्ञा | धातु |
कांति लक्षण | स्निग्ध |
शरीर में स्थान | वस्ति, चर्म |
धातु विकार | सम |
भाग्य रत्न | हीरा |
वर्ण | शुद्र |
वश्य | द्विपाद |
स्वभाव संज्ञा | चर |
लिंग | पुरुष |
बलि समय | दिन |
उदय स्थिति | शीर्षोदय |