पहचान | वृष राशि का स्वरूप- आकाशीय राशि प्रदेश में तारो को यदि रेखाओ से मिलाया जाये तो पृथ्वी के किसी बिंदु से आकाश में देखने पर नर वृषभ/बैल के समान आकार दिखाई देता है । | |
जातक का स्वरूप | दीर्घजीवी, भोगी, दानी, पवित्र, कुश्ल, सत्व सम्पन्न, महान बली, धनवान, भोगविलास रत तेजस्वी, अच्छे मित्रों वाला होता है। | |
स्वामी ग्रह | शुक्र | |
दिशा स्वामी | दक्षिण | |
तत्त्व | पृथ्वी | |
रंग | श्वेत | |
जीव संज्ञा | मूल | |
कांति लक्षण | रुक्ष | |
शरीर में स्थान | गला, मुख | |
धातु विकार | वात | |
भाग्य रत्न | हीरा, नील मणि | |
वर्ण | वैश्य | |
वश्य | चतुष्पाद | |
स्वभाव संज्ञा | स्थिर | |
सौम्य / उग्र | उग्र | |
लिंग | स्त्री | |
बलि समय | रात्रि | |
उदय स्थिति | प्रष्ठोदय |