पहचान | मेष राशि का स्वरूप- आकाशीय राशि प्रदेश में तारो को यदि रेखाओ से मिलाया जाये तो पृथ्वी के किसी बिंदु से आकाश में देखने पर नर भेड़ के समान आकार दिखाई देता है । |
जातक का स्वरूप | चंचल नेत्रों वाला, पापरहित, क्रोधी, बुद्धिमान, महत्वकांक्षी, कर्तव्यपरायण, प्रतिज्ञापालक, सहासी, निडर, व्यसनी, कामुक, कमनियो को आनंदित करने वाला, कृतघन, रक्त रोगी, जलभिरू, कठोर कार्य करने वाला परन्तु अंत में विनम्र होता हैं । |
स्वामी ग्रह | मंगल |
दिशा स्वामी | पूर्व |
तत्त्व | अग्नि |
रंग | लाल |
जीव संज्ञा | धातु |
कांति लक्षण | रुक्ष |
शरीर में स्थान | सिर, चेहरा |
धातु विकार | पित्त |
भाग्य रत्न | मूंगा |
वर्ण | क्षत्रिय |
वश्य | चतुष्पाद |
स्वभाव संज्ञा | चर |
सौम्य / उग्र | उग्र |
लिंग | पुरुष |
बलि समय | रात्रि |
सम / विषम | विषम |
उदय स्थिति | प्रष्ठोदय |