कालगणनाक्रम .1
1 परमाणु = काल की सूक्ष्मतम अवस्था
2 परमाणु = 1 अणु
3 अणु = 1 त्रसरेणु
3 त्रसरेणु = 1 त्रुटि
10 त्रुटि = 11 प्राण
10 प्राण = 1 वेध
3 वेध = 1 लव
3 लव = 1 निमेष
1 निमेष = 1 पलक झपकने का समय
2 निमेष =1 विपल
3 निमेष = 1 क्षण
5 निमेष = 23 त्रुटि
23 त्रुटि = 1 सेकण्ड
20 निमेष = 10 विपल = 4 सेकण्ड
5 क्षण = 1 काष्ठा
15 काष्ठा = 1 दण्ड = 1 लघु
2 दण्ड = 1 मुहूर्त
15 लघु = 1 घटी = 1 नाड़ी
1 घटी = 24 मिनट
3 मुहूर्त = 1 प्रहर
2 घटी = 1 मुहूर्त = 48 मिनट
1 प्रहर = 1 याम
60 घटी = 1 अहोरात्र (दिन-रात)
8 प्रहर = 1 अहोरात्र
15 दिन-रात = 1 पक्ष
2 पक्ष = 1 मास
2 मास = 1 ऋतु
3 ऋतु = 6 मास
6 मास = 1 अयन
2 अयन = 1 वर्ष
6 ऋतु = 1 वर्ष
1 वर्ष = 1 संवत्सर = 1 अब्द
10 अब्द = 1 दशाब्द
100 अब्द = 1 शताब्द
घटी, घटिका, घड़ी, नाड़ी, नाड़िका, समानार्थक हैं।
60 तत्प्रति विकला= 1 प्रति विकला
60 प्रति विकला = 1 विकला
60 विकला = 1 कला
60 कला = 1 अंश (डिग्री)
30 अंश = 1 राशि
12 राशि = 1 भचक्र, भगण
कालगणनाक्रम .2
1 त्रुटि = कमल पत्र को सूई की नोंक से एक बार छेदने का समय
60 त्रुटि = 1 रेणु
60 रेणु = 1 लव
60 लव = 1 लीक्षक (1/15 सेकण्ड)
60 लीक्षक = 1 प्राण (4 सेकण्ड)
1 प्राण = 10 विपल (4 सेकण्ड)
60 विपल = 1 पल
60 पल = 1 घटी (24 मिनट)
1 घटी = 1 नाड़ी (24 मिनट)
1 नाड़ी = 1 दण्ड (24 मिनट)
60 घटी = 1 दिन-रात (24 घण्टे)
30 दिन-रात = 1 मास
12 मास = 1 वर्ष
1 मास = पितरों का एक दिन-रात
1 वर्ष = देवताओं का एक दिन-रात
कालगणनाक्रम .3
1 निमेष = पलक झपकने का समय
3 निमेष = 1 क्षण
5 क्षण = 1 काष्ठा
15 निमेष = 1 काष्ठा
30 काष्ठा = 1 कला
30 कला = 1 मुहूर्त
30 मुहूर्त = 1 दिन-रात
15 दिन-रात = 1 पक्ष
2 पक्ष= 1 मास
कृष्णपक्ष = पितरों का 1 दिन
शुक्लपक्ष = पितरों की 1 रात
2 मास = 1 ऋतु
3 ऋतु = 1 अयन = 6 मास
2 अयन = 1 वर्ष
6 ऋतुएँ = 1 वर्ष
1 मास = पितरों का 1 दिन-रात
1 वर्ष = देवताओं का 1 दिन-रात
उत्तरायन = देवताओं का 1 दिन
दक्षिणायन = देवताओं की 1 रात
कालप्रमाण .4
100 त्रुटि = 1 लव = 1 तत्पर
30 लव = 1 निमेष
10 गुरु अक्षर = 1 प्राण= 1 असु
45 निमेष = 1 प्राण
6 प्राण = 1 पल = 1 बिनाडी = 1 विघटिका = 1 विघटी
10 विपल = 1 प्राण = 1 असु
60 विनाडी = 1 नाडी = 1 घटी =1 दण्ड
60 नाडी = 1 नक्षत्र दिन = 1 दिन-रात
7, 1/3 घटी = 1 प्रहर
8 प्रहर = 24 घंटा = 1 दिन-रात= 24 होरा
2 घटी = 1 मुहूर्त
30 मुहूर्त = 1 दिन-रात
7 दिन = सप्ताह, 2 सप्ताह = 1 पक्ष
30 दिन = 1 मास, 2 पक्ष = 1 मास
12 मास = 1 वर्ष
30 सावनदिन = 1 सावन मास
30 अहोरात्र = 1 सावन मास
30 चन्द्रतिथि = 1 चान्द्र मास
1 संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति तक = 1 सौर मास
12 मास = 1 वर्ष= 1 दिव्य दिन
360 वर्ष = 1 दिव्य वर्ष