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रत्न-विज्ञान

प्रकाश का विस्तार और सन्तुलन करने वाले “रत्न” है । मानव शरीर पर विभिन्न ग्रह-प्रभाव का विस्तार और सन्तुलन करना ही रत्नों का कार्य है । रत्नों का अनुकूल प्रभाव व्यक्ति के शरीर व मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता हैं तथा वह व्यक्ति उचित कार्य करने लगता है । रत्नों का प्रतिकूल प्रभाव…

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राशि – रत्न

राशि का नामधारणीय रत्न का नाम मेषत्रिकोण मूंगावृषहीरा एवं षट्कोण पन्नामिथुनपञ्चकोण पन्ना या मोतीकर्कगोल मोती अथवा नीलमसिंहगोल माणिक्यकन्यापन्नातुलाश्वेत पुखराजवृश्चिकमूंगाधनुपीत पुखराजमकरनीलमकुंभलहसुनिया अथवा फिरोजामीनगोमेद पंडित पवन कुमार शर्मा

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रत्न-आयु 

ग्रहरत्नरत्न की आयुसूर्यमाणिक्य4 सालचन्द्रमोती2,1/4 सालमंगलमूंगा3 सालबुधपन्ना4 सालगुरुपुखराज4 सालशुक्रहीरा7 सालशनिनीलम5 सालराहुगोमेद3 सालकेतुलहसुनिया3 साल पंडित पवन कुमार शर्मा

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मास-रत्न

मास का नामधारक रत्न का नाम चेत्रकपिश मणि (jasper)बैशाखहीरा (diamond)जयेष्टपन्ना (emerald)आषाढ़प्रवाल अर्थात् मूंगा (coral)श्रावणमाणिक्य या लालडी (ruby)भाद्रपदहरितोत्पल (spiral ruby)आश्विननीलम (sapphire)कार्तिकओपल (opal)मार्गशीषपुखराज (topaz)पौषफिरोजा (turquoise)माघतामाड़ी या रक्तमणि (goriest)फाल्गुननीलराग मणि (emethyst)पुरषोत्तम मास (मलमास या अधिक मास)पुरषोत्तम मास में जन्म लेने वाल व्यक्ति को नवरत्नों की चौकी अंगूठी जड़वाकर पहनना चाहिये । पंडित पवन कुमार शर्मा

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माणिक्य-गुण

(1)  माणिक्य रत्न सूर्य के प्रकाश में लाल रंग की किरणें चारों तरफ बिखरने लगें वह माणिक्य श्रेष्ठ माणिक्य माना जाता है । (2)  माणिक्य रत्न को दूध में डालने पर लाल किरणें दिखाई देने लगें तो वह माणिक्य श्रेष्ठ माणिक्य माना जाता है । (3) माणिक्य रत्न अन्धकार में प्रकाशित होता हो तो वह…

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माणिक्य-लग्न-राशि-रत्न

मेष लग्न मेष लग्न में सूर्य पंचम भाव सिंह राशि का स्वामी है और सूर्य मंगल का मित्र है। अतः मेष लग्न के जातक बुद्धि बल,उच्च शिक्षा, सन्तान सुख,  और राज्य कृपा प्राप्ति के लिये माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं। सूर्य की महादशा में उसको धारण करने से शुभ फल प्राप्त होगा। वृष लग्न…

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रत्न किसे धारण करना चाहिए 

माणिक्य माणिक्य सूर्य का रत्न है । जिस कुण्डली में सूर्य शुभ भावों का स्वामी हो उसके जातक को माणिक्य रत्न धारण करना शुभ फलदायक होगा । मोती मोती चन्द्र का रत्न है । जिस कुण्डली में चन्द्र शुभ भावों का स्वामी हो उसके जातक को मोती रत्न धारण करना शुभ फलदायक होगा…

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रत्न – मित्र – शत्रु

ज्योतिष विज्ञान में रत्नों का महत्व हैं । जातक की जन्म कुंडली का परिक्षण कर रत्न सम्बंधित उपाए बताये जाते हैं । इसमे विशेष सावधानी की आवयश्यकता हैं क्यों की एक साथ शत्रु रत्न धारण नही किये जाते हैं इससे हानि ही होती हैं । रत्न       मित्रशत्रुसमानदर्शीहीरापन्ना, नीलममाणिक्य मोतीमूंगा, पुखराजमोतीमाणिक्य, पन्नाहीरा, मूंगा मूंगामाणिक्य, मोती, पुखराजपन्नाहीरा, नीलमपन्नामाणिक्य,…

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