Skip to content Skip to sidebar Skip to footer

हस्त रेखा से हाथ के प्रकार

हाथ और अंगुलियों की बनावट और आकार से जातक के स्थिर फलादेश होते है जैसे व्यक्ति की सोच, मानसिक स्थिती, गुन-अवगुण क्रियाशीलता, आलस्य, शारीरीक शाक्ति या शारीरीक कमजोरी. शारीरीक या मानसिक स्थिती, वंशानुगत विशेषताएँ या कमीयाँ, व्यक्ति के सांसारिक आध्यात्यिक आचरण, जीवन में धनार्जन शारीरीक परिश्रम या मानसिक परिश्रम से प्राप्त करेगा हाथों के प्रकार…

Read more

हस्त रेखा और रोग भाग – 2

पित्त सम्बन्धी आन्तरिक रोग - हथेली और रेखाओं का रंग पीला हो तो जातक पित्त प्रकृति का होता है। पीलिया रोग - जीवन रेखा पर नकारात्मक चिन्ह जैसे द्वीप, नक्षत्र, क्रास हो और साथ में दाग भी हो तो उसे पीलिया रोग होता है। गठिया रोग (वात रोग) - जिवन रेखा से एक शाखा निकलकर…

Read more

हस्त रेखा और रोग भाग -1

हृदय रोग - हृदय रेखा पर काला , पीला दाग का चिन्ह हो द्वीप का चिन्ह हो मंगल पर्वत पर हृदय रेखा से पंख दार आकृति हो धडकन संबन्धी रोग - जीवन रेखा के अन्दर मंगल पर्वत एवं शुक्र पर्वत पर नकारात्म चिन्ह हो, जैसे- द्वीप , क्रॉस आदि और मस्तिष्क रेखा…

Read more

ग्रह दोष के अनुसार देव पूजा

ग्रह उपाय-पूजा सूर्यभगवान राम, सूर्य चन्द्रभगवान कृष्ण, चन्द्र मंगलहमुमान जी, कार्तिकेय बुधनारायण गुरूभगवान शिव शुक्रमाँ लक्ष्मी शनिकाली, भैरव, खाटूश्याम राहुकाली, भैरव, खाटूश्याम, वराह केतुगणेश जी पंडित पवन कुमार शर्मा

Read more

कुंडली में कुलदेवी विचार

चतुर्थ भाव में ग्रह या राशि कुल देवी सूर्यमाँ गायत्री चन्द्रतारा देवी (गौरी)मंगलगौरी माँ बुधसरस्वती देवीगुरूबगलामुखी देवीशुक्रलक्ष्मी देवीशनिकाली माँ राहुकाली माँ केतुचामुण्डा देवी पंडित पवन कुमार शर्मा

Read more

कुंडली वास्तु दोष

मंगल से चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल से 6,8,12 भाव में हो तो घर में वास्तु दोष होगा। मंगल से चतुर्थ भाव का स्वामी 6,8,12 भाव के स्वामी के साथ हो तो घर में वास्तु दोष होता है। 6,8,12 भाव के स्वामी मंगल देव चतुर्थ भाव में बैठ जाए तो घर में वास्तु दोष होता…

Read more

भवन-स्थान-विचार

स्थान विचार - अपनी राशि से स्थान की राशि 2,5,9,10,11 हो तो शुभ 1,7 हो तो शत्रुता 3,6 हो तो हानि और 4,8,12 हो तो रोग होता है जैसे - इन्दू बाला की वृष राशि है। इन्दू बाला जयपुर में बसना चाहती है तो जयपुर की मकर राशि है वृष राशि से मकर राशि 9…

Read more

संतान हानि योग

पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार श्राप दोष के कारण संतान हानि होती है यदि उस श्राप का निवारण किया जाये तो संतान प्राप्ति संभव है सर्प श्राप राहुपितृ श्रापसूर्यमातृ श्रापचन्द्रभाई श्रापमंगलब्रह्म श्रापगुरूपत्नि श्रापशुक्रप्रेत श्रापशनि सर्प श्राप राहू का प्रभाव पंचम भाव पंचमेश, भाव कारक के साथ पाप ग्रहों और विशेष मंगल के साथ सम्बन्ध…

Read more

en_USEN