दान –
अनुराधा नक्षत्र की शांति के लिए कम्बल ओढ़ने तथा पहनने वाले वस्त्र का दान करना चाहिए ।
रत्न –
नीलम रत्न अनुराधा नक्षत्र के स्वामी शनि ग्रह को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है । इस रत्न का रंग हल्के नीले से लेकर गहरे नीले रंग तक होता है ।
शुभ प्रभाव – धन, सुख, समृद्धि, नौकर-चाकर, व्यापरिक सफलता प्रदान करता है ।
धारण – नीलम रत्न को दायें हाथ की मध्यमा उंगली में शनिवार को धारण करना चाहिए ।
व्रत –
अनुराधा नक्षत्र के स्वामी शनि ग्रह का व्रत 19 शनिवारों तक करना चाहिये । काला वस्त्र धारण करना चाहिये । एक पात्र में शुद्ध जल, काला तिल, दूध, चीनी और गंगाजल लेकर इसको पीपल वृक्ष की जड़ में पश्चिम मुख होकर चढ़ा दे । भोजन में उड़द (कलाई) आटे से बनी चीजें पंजीरी, पकौड़ी, चीला बड़ा इत्यादि खाये । कुछ तेल में बनी चीजें अवश्य खाये । केला खाये । इस व्रत के करने से सब प्रकार की सांसारिक झंझटें दूर झगड़े में विजय प्राप्त होती है । लोहे, मशीनरी, कारखाने वालों के लिये उन्नति और लाभदायक होता है ।
मन्त्र –
जप संख्या – 10000
वैद मन्त्र –
ॐ नमो मित्रस्यवरुणस्य चक्षसे महो देवाय तदृत गवं सपर्यत दूरंदृशे देव जाताय केतवे दिवस्पुत्राय सूर्योयश गवं सत ।
पौराणिक मंत्र –
मित्रं पद्मासनारूढं अनुराधेश्वरं भजे ।
शूलां कुशलसद्भाहुं युग्मंशोणितवर्णकम् ॥
नक्षत्र देवता मंत्र –
ॐ मित्राय नमः ।
नक्षत्र नाम मंत्र –
ॐ अनुराधाभ्यो नमः।
पूजन –
अनुराधा नक्षत्र को अनुकूल बनाने के लिए मौलसिरी के पौधे की पूजा की जाती है ।