चन्द्रदेव मन के कारक है और गोचर में सबसे तेज चलते हैं एक राशि में सवा दो दिन
गोचर राशि फल के लिए मुख्यतः चन्द्र लग्न का ही प्रयोग किया जाता है (अन्य लग्न - लग्न, सूर्य लग्न ) गोचर का चन्द्रमा जिस भाव में बैठा है उसके अनुसार फलादेश गोचर का चन्द्रमा जिस नक्षत्र…
हाथ और अंगुलियों की बनावट और आकार से जातक के स्थिर फलादेश होते है जैसे व्यक्ति की सोच, मानसिक स्थिती, गुन-अवगुण क्रियाशीलता, आलस्य, शारीरीक शाक्ति या शारीरीक कमजोरी. शारीरीक या मानसिक स्थिती, वंशानुगत विशेषताएँ या कमीयाँ, व्यक्ति के सांसारिक आध्यात्यिक आचरण, जीवन में धनार्जन शारीरीक परिश्रम या मानसिक परिश्रम से प्राप्त करेगा
हाथों के प्रकार…
पित्त सम्बन्धी आन्तरिक रोग -
हथेली और रेखाओं का रंग पीला हो तो जातक पित्त प्रकृति का होता है।
पीलिया रोग -
जीवन रेखा पर नकारात्मक चिन्ह जैसे द्वीप, नक्षत्र, क्रास हो और साथ में दाग भी हो तो उसे पीलिया रोग होता है।
गठिया रोग (वात रोग) -
जिवन रेखा से एक शाखा निकलकर…
हृदय रोग -
हृदय रेखा पर
काला , पीला दाग का चिन्ह हो द्वीप का चिन्ह हो मंगल पर्वत पर हृदय रेखा से पंख दार आकृति हो
धडकन संबन्धी रोग -
जीवन रेखा के अन्दर मंगल पर्वत एवं शुक्र पर्वत पर नकारात्म चिन्ह हो, जैसे- द्वीप , क्रॉस आदि और मस्तिष्क रेखा…
ग्रह उपाय-पूजा सूर्यभगवान राम, सूर्य चन्द्रभगवान कृष्ण, चन्द्र मंगलहमुमान जी, कार्तिकेय बुधनारायण गुरूभगवान शिव शुक्रमाँ लक्ष्मी शनिकाली, भैरव, खाटूश्याम राहुकाली, भैरव, खाटूश्याम, वराह केतुगणेश जी
पंडित पवन कुमार शर्मा
चतुर्थ भाव में ग्रह या राशि कुल देवी सूर्यमाँ गायत्री चन्द्रतारा देवी (गौरी)मंगलगौरी माँ बुधसरस्वती देवीगुरूबगलामुखी देवीशुक्रलक्ष्मी देवीशनिकाली माँ राहुकाली माँ केतुचामुण्डा देवी
पंडित पवन कुमार शर्मा
मंगल से चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल से 6,8,12 भाव में हो तो घर में वास्तु दोष होगा। मंगल से चतुर्थ भाव का स्वामी 6,8,12 भाव के स्वामी के साथ हो तो घर में वास्तु दोष होता है। 6,8,12 भाव के स्वामी मंगल देव चतुर्थ भाव में बैठ जाए तो घर में वास्तु दोष होता…
स्थान विचार - अपनी राशि से स्थान की राशि 2,5,9,10,11 हो तो शुभ 1,7 हो तो शत्रुता 3,6 हो तो हानि और 4,8,12 हो तो रोग होता है
जैसे - इन्दू बाला की वृष राशि है। इन्दू बाला जयपुर में बसना चाहती है तो जयपुर की मकर राशि है वृष राशि से मकर राशि 9…