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मेष राशि में शनि हो तो जातक आत्मबलहीन, व्यसनी, निर्धन, दुराचारी, लम्पट, कृतघ्न होता है।

वृष में हो तो असत्यभापी, द्रव्यहीन, मूर्ख, वचनहीन होता है।

मिथुन में हो तो काटी, दुराचारी, पाखण्डी, निर्धनी, कामी होता है।

कर्क में हो तो वाल्यावस्था में दुःखी, मातृरहित, प्राज्ञ, उन्नतिशील, विद्वान् होता है।

सिंह में हो तो लेखक, अध्यापक, कार्यदक्ष होता है।

कन्या में हो तो बलवान्, मितभाषी, धनवान्, सम्पादक, लेखक, परोपकारी, निश्चितकार्यकर्ता होता है।

तुला में हो तो सुभाषी, नेता, यशस्त्री, स्वाभिमानी, उन्नतिशील होता है।

वृश्चिक में हो तो स्त्रीहीन, क्रोधी, कठोर, हिंसक, लोभी होता है।

धनु में हो तो व्यवहारज्ञ, पुत्र की कीर्ति से प्रसिद्ध, सदाचारी, वृद्धावस्था में सुखी होता है।

मकर में हो तो मिथ्याभाषी, गास्तिक, परिश्रमी, भोगी, शिल्पकार, प्रवासी होता है।

कुम्भ में हो तो व्यसनी, नास्तिक, परीश्रमी होता है।

मीन में हो तो हतोत्साही, अविचारी, शिल्पकार होता है।

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