Skip to content Skip to sidebar Skip to footer

माणिक्य-गुण

(1)  माणिक्य रत्न सूर्य के प्रकाश में लाल रंग की किरणें चारों तरफ बिखरने लगें वह माणिक्य श्रेष्ठ माणिक्य माना जाता है । (2)  माणिक्य रत्न को दूध में डालने पर लाल किरणें दिखाई देने लगें तो वह माणिक्य श्रेष्ठ माणिक्य माना जाता है । (3) माणिक्य रत्न अन्धकार में प्रकाशित होता हो तो वह…

Read more

माणिक्य-लग्न-राशि-रत्न

मेष लग्न मेष लग्न में सूर्य पंचम भाव सिंह राशि का स्वामी है और सूर्य मंगल का मित्र है। अतः मेष लग्न के जातक बुद्धि बल,उच्च शिक्षा, सन्तान सुख,  और राज्य कृपा प्राप्ति के लिये माणिक्य रत्न धारण कर सकते हैं। सूर्य की महादशा में उसको धारण करने से शुभ फल प्राप्त होगा। वृष लग्न…

Read more

मुहूर्त परिचय

मुहूर्त के आधार पर ही मानव समाज अपने कार्य करते हैं तथा प्रारब्ध और पुरुषार्थ के अनुसार  फल प्राप्त करते है । वर्ष मासो दिन सम्म मुहूर्तश्चेति पचक्रमा । कालस्यागानि मुख्यानि प्रबलान्युत्तरोत्तरम् ।। पंचस्वेतेषु शुद्धेषु समयः शुद्ध उच्यते । मासो वर्षभव दोष हन्ति मामभव दिनम् ।। लम दिनभव हन्ति मुहूर्तः सर्वदूषणम् । तस्मात् शुद्धिर्मुहूर्तस्य सर्वकार्येषु शस्यते ।। पहला वर्ष, दूसरा मास,…

Read more

रत्न किसे धारण करना चाहिए 

माणिक्य माणिक्य सूर्य का रत्न है । जिस कुण्डली में सूर्य शुभ भावों का स्वामी हो उसके जातक को माणिक्य रत्न धारण करना शुभ फलदायक होगा । मोती मोती चन्द्र का रत्न है । जिस कुण्डली में चन्द्र शुभ भावों का स्वामी हो उसके जातक को मोती रत्न धारण करना शुभ फलदायक होगा…

Read more

रत्न – मित्र – शत्रु

ज्योतिष विज्ञान में रत्नों का महत्व हैं । जातक की जन्म कुंडली का परिक्षण कर रत्न सम्बंधित उपाए बताये जाते हैं । इसमे विशेष सावधानी की आवयश्यकता हैं क्यों की एक साथ शत्रु रत्न धारण नही किये जाते हैं इससे हानि ही होती हैं । रत्न       मित्रशत्रुसमानदर्शीहीरापन्ना, नीलममाणिक्य मोतीमूंगा, पुखराजमोतीमाणिक्य, पन्नाहीरा, मूंगा मूंगामाणिक्य, मोती, पुखराजपन्नाहीरा, नीलमपन्नामाणिक्य,…

Read more

राशि पहचान

मेष – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ वृष – ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो मिथुन – का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह कर्क – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो सिंह – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे…

Read more

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र शांति

दान - पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र की शांति के लिए साबुत उड़द का दान करना चाहिए । रत्न - पुखराज रत्न पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी गुरु ग्रह को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है । इसका रंग हल्के पीले से लेकर गहरे पीले रंग तक होता है । शुभ प्रभाव - धन, विद्या, समृद्धि, अच्छा स्वास्थय…

Read more

en_USEN