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स्वप्न

स्वप्न परम पिता परमात्मा की एक विशेष रचना है। सनातन धर्म के धार्मिक ग्रंथो में मनुष्य शरीर की चार अवस्थाये बताई गयी हैं। जागृत निद्रा  स्वप्न तुरीय सपना विषय मनुष्य की तीसरी अवस्था स्वप्न है। निद्रा अवस्था में हम कभी-कभी स्वप्न देखते हैं। यह एक रहस्यम विषय है कुछ स्वस्त्र हमे भविष्य…

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