कुण्डली मिलान में निम्न बिन्दुओ का विचार किया जाता है –
① गुण मिलान
② ग्रह मिलान
③ भाव या राशि मिलान
④ मांगलिक दोष, संतान, आयुविचार इसके साथ-साथ अष्टक वर्ग से भी मिलान करना चाहिए।
अष्टक वर्ग से कुण्डली मिलान के चरण –
- वर-कन्या की राशि देखें
जैसे-
वर की राशि – मेष
कन्या की राशि – सिंह
- वर की कुण्डली में जो कन्या की राशि- सिंह है। सिंह राशि के बिन्दु देखे। इसी प्रकार – कन्या की कुण्डली मे वर की राशि मेष में अष्टक वर्ग के बिन्दु देखे।
- दोनों की कुण्डली में अष्टक वर्ग में 28 से अधिक बिन्दु हो तो वर कन्या का दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा।
- यदि अष्टक वर्ग में 28 से कम बिन्दु रहेगे तो उनका दाम्पत्य जीवन में समस्याएँ या परेशानी आ सकती है।
- यदि जैसे वर की कुण्डली में कन्या की राशि के अष्टक वर्ग में 35 बिन्दु है और कन्या की कुण्डली में वर की राशि के अष्टक वर्ग में 30 बिन्दु होंगे तो कन्या वर के लिए भाग्यशाली होगी।
- यदि जैसे कन्या की कुण्डली में वर की राशि के अष्टक वर्ग में 35 बिन्दु है और वर की कुण्डली में कन्या की राशि के अष्टक वर्ग में 30 बिन्दु होंगे तो वर कन्या के लिए भाग्यशाली होगा।