पहचान | उत्तराषाढ़ नक्षत्र दो तारों से मिलकर बना हैं । यह आकार में मंच के समान दिखाई देता हैं । |
नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रह | भे भो ज जी गुरु शनि शनि गुरु |
दिशा | दक्षिण |
देवता | विश्वेदेवा |
स्वामी गृह | सूर्य |
स्वामी गृह दशा | 6 वर्ष |
शुभाशुभ | वृद्धि |
तत्त्व | भो ज जी – अग्नि भे – अग्नि |
नक्षत्र गण | नर |
नक्षत्र संज्ञा | ध्रुव स्थिर |
वृक्ष | कटहल |
वर्ण | भो ज जी – वैश्य भे – क्षत्रिय |
योनी | नकुल |
योनी वैर | सर्प |
गुण | रजोगुण |
नाड़ी | अन्त्य |
राशि | भो ज जी – मकर भे – धनु |
नक्षत्र राशी स्वामी | भो ज जी – शनि भे – गुरु |
लिंग | पुरुष |
जाति | क्षत्रिय |
वश्य | भो ज जी – चतुष्पद भे – द्विपद नर |
प्रभावित अंग | कमर |