Skip to content Skip to footer

सूर्य् जन्म राशि के प्रथम स्थान में स्थित होने पर मनुष्य का स्थान परिवर्तन होता है।

सूर्य् जन्म राशि से दूसरे स्थान में स्थित होने पर भय होता है।

सूर्य् जन्म राशि के तीसरे स्थान में स्थित होने पर श्रीलाभ होता है।

सूर्य् जन्म राशि के चौथे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य की मानहानि होती है।

सूर्य् जन्म राशि के पांचवें स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को दैन्य होता है।

सूर्य् जन्म राशि के छठे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य के शत्रुओं का नाश होता है।

सूर्य् जन्म राशि के सातवें स्थान में स्थित होने पर मनुष्य का अर्थनाश होता है।

सूर्य् जन्म राशि के आठवें स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को पीडा होती है।

सूर्य् जन्म राशि के नवे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य की कान्तिक्षय होती है।

सूर्य् जन्म राशि के दशवे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य की कार्य की वृद्धि होती है।

सूर्य् जन्म राशि के ग्यारहवें स्थान में होने पर सम्पत्ति की वृद्धि होती है।

सूर्य् जन्म राशि के बारहवें स्थान में होने पर मनुष्य की सम्पत्ति का नाश होता है।

en_USEN