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पहचानमृगशिरा नक्षत्र 3 तारों से मिलकर बना हैं । इसका आकर हिरण के समान माना जाता हैं ।
नक्षत्र के चरण

एवं

चरण स्वामी ग्रह
वे        वो           क          की 


सूर्य    बुध       शुक्र         मंगल
दिशादक्षिण
देवताचन्द्र
स्वामी गृहमंगल
स्वामी गृह दशा7 वर्ष
शुभाशुभशुभ
तत्त्ववे     वो – भूमि,       क     की – वायु
नक्षत्र गणदेव
वृक्षखैर
वर्णवे     वो – वैश्य,      क     की – शुद्र
योनीसर्प
योनी वैरनेवला
गुणतमोगुण
नाड़ीमध्य
राशिवे      वो – वृषभ,     क      की – मिथुन
नक्षत्र राशी स्वामीवे      वो –  शुक्र,      क      की – बुध
लिंगपुरुष
जातिकृषक
वश्यवे      वो –  चतुष्पद    क      की – द्विपद नर
प्रभावित अंगभोहे
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