चन्द्रदेव मन के कारक है और गोचर में सबसे तेज चलते हैं एक राशि में सवा दो दिन
- गोचर राशि फल के लिए मुख्यतः चन्द्र लग्न का ही प्रयोग किया जाता है (अन्य लग्न – लग्न, सूर्य लग्न )
- गोचर का चन्द्रमा जिस भाव में बैठा है उसके अनुसार फलादेश
- गोचर का चन्द्रमा जिस नक्षत्र में है उस नक्षन्न स्वामी के भाव का फल
- गोचर मे चन्द्रदेव का शुभ फल – 1,3,6,7,10,11  - केवल शुक्ल पक्ष में शुभ फल- 2,5,9
- वेध स्थान – 6,4,8
- अशुभ फल – 6,8,12
- अशुभ कृष्ण – 2,5,9
 
सावधानियाँ
- चन्द्र देव का बल
- भाव का फल
- नक्षत्र स्वामी भाव-राशि फल
- तीनो लग्नो से विचार

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे ) | 
| 1 | 5 | 
| 3 | 9 | 
| 6 | 12 | 
| 7 | 2 | 
| 10 | 4 | 
| 11 | 8 | 
मंगल देव गोचर फल
चन्द्र देव गोचर में जिस राशि में हो उस राशि के नक्षत्र स्वामी के अनुसार दिन का फलादेश करे
मंगल देव – मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी है गोचर में चन्द्र देव जब भी इन नक्षत्रो पर आयेंगे तो मंगल देव जिस भाव में और जिन भावो के स्वामी है उनके अनुसार फलादेश करे।

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे | 
| 3 | 12 | 
| 6 | 9 | 
| 11 | 5 | 
सूर्य देव गोचर फल
सूर्य देव – उत्तराषाढ़ा, कृत्तिका, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी है

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे ) | 
| 3 | 9 | 
| 6 | 12 | 
| 10 | 4 | 
| 11 | 5 | 
राहु देव गोचर फल
राहु देव – आर्द्रा, शतभिषा, स्वाति नक्षत्र के स्वामी है

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे ) | 
| 3 | 12 | 
| 6 | 9 | 
| 11 | 5 | 
गुरू देव गोचर फल
गुरू देव – पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी है

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे ) | 
| 2 | 12 | 
| 5 | 4 | 
| 7 | 3 | 
| 9 | 10 | 
| 11 | 8 | 
बुध देव गोचर फल
बुध देव – आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती नक्षत्र के स्वामी है

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे ) | 
| 2 | 5 | 
| 4 | 9 | 
| 6 | 3 | 
| 8 | 1 | 
| 10 | 8 | 
| 11 | 12 | 
शुक्र देव गोचर फल
शुक्र देव – भरणी नक्षत्र के स्वामी है
अशुभ – 6,7,10

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे ) | 
| 1 | 8 | 
| 2 | 7 | 
| 3 | 1 | 
| 4 | 10 | 
| 5 | 9 | 
| 8 | 5 | 
| 9 | 12 | 
| 11 | 3 | 
| 12 | 6 | 
शनि देव गोचर फल
शनि देव – पुष्य, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी है

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे ) | 
| 3 | 12 | 
| 6 | 9 | 
| 11 | 5 | 
केतु देव गोचर फल
केतु देव – अश्विनी, मघा, मूल नक्षत्र के स्वामी है

| शुभ गोचर भाव | वेध स्थान भाव (जन्म राशि से विचार करे ) | 
| 3 | 12 | 
| 6 | 9 | 
| 11 | 5 | 
