ग्रह उपाय-पूजा सूर्यभगवान राम, सूर्य चन्द्रभगवान कृष्ण, चन्द्र मंगलहमुमान जी, कार्तिकेय बुधनारायण गुरूभगवान शिव शुक्रमाँ लक्ष्मी शनिकाली, भैरव, खाटूश्याम राहुकाली, भैरव, खाटूश्याम, वराह केतुगणेश जी
पंडित पवन कुमार शर्मा
चतुर्थ भाव में ग्रह या राशि कुल देवी सूर्यमाँ गायत्री चन्द्रतारा देवी (गौरी)मंगलगौरी माँ बुधसरस्वती देवीगुरूबगलामुखी देवीशुक्रलक्ष्मी देवीशनिकाली माँ राहुकाली माँ केतुचामुण्डा देवी
पंडित पवन कुमार शर्मा
मंगल से चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल से 6,8,12 भाव में हो तो घर में वास्तु दोष होगा। मंगल से चतुर्थ भाव का स्वामी 6,8,12 भाव के स्वामी के साथ हो तो घर में वास्तु दोष होता है। 6,8,12 भाव के स्वामी मंगल देव चतुर्थ भाव में बैठ जाए तो घर में वास्तु दोष होता…
स्थान विचार - अपनी राशि से स्थान की राशि 2,5,9,10,11 हो तो शुभ 1,7 हो तो शत्रुता 3,6 हो तो हानि और 4,8,12 हो तो रोग होता है
जैसे - इन्दू बाला की वृष राशि है। इन्दू बाला जयपुर में बसना चाहती है तो जयपुर की मकर राशि है वृष राशि से मकर राशि 9…
पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार श्राप दोष के कारण संतान हानि होती है यदि उस श्राप का निवारण किया जाये तो संतान प्राप्ति संभव है
सर्प श्राप राहुपितृ श्रापसूर्यमातृ श्रापचन्द्रभाई श्रापमंगलब्रह्म श्रापगुरूपत्नि श्रापशुक्रप्रेत श्रापशनि
सर्प श्राप
राहू का प्रभाव पंचम भाव पंचमेश, भाव कारक के साथ पाप ग्रहों और विशेष मंगल के साथ सम्बन्ध…
प्राणी की आंतरिक संरचना का आधार परमाणु है। शरीर विज्ञान की भाषा में जिन्हें कोशिकाएँ कहते है कोशिकाओं से मिलकर शरीर बनता है शरीर और मन के जो शत्रु काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मत्सर है इनके कारण विकार उत्पन्न होता है जिसके मनुष्य शारीरिक और मानसिक पीडा प्राप्त करता हैं इन्ही विकारो को दूर…
शनि देव की साढ़ेसाती का विचार चन्द्र कुंडली से किया जाता है। चन्द्र कुंडली के अनुसार जब शनि देव द्वादश भाव में प्रवेश करते है तो साढेसाती प्रारम्भ होती है और जब चन्द्र कुण्डली से तृतीय भाव में प्रवेश करते हैं तो साढ़ेसाती समाप्त होती है। चन्द्र कुण्डली से जब शनि देव द्वादश भाव, प्रथम…
जिस लग्न में रोगी प्रश्न करें उसके अनुसार देव दोष ज्ञान
लग्नदोषमेषदेवी दोषवृषपितृ दोषमिथुनशाकिनी दोषकर्कभूत दोषसिंहभाइयो का दोषकन्याकुल देवता का दोषतुलाचण्डिका दोषवृश्चिक नाडी दोषधनुयक्षिणी दोषमकरग्राम देवता का दोषकुम्भनजर दोषमीनआकाश गंगा का दोष
पंडित पवन कुमार शर्मा