नाम | लक्षण | वास परिणाम |
गजप्रष्ठ | दक्षिण, पश्चिम, नैॠत्य एवं वायव्य में उच्च | लक्ष्मी से एवं आयु से पूर्ण |
कूर्मप्रष्ठ | मध्य में ऊँची एवं चारों ओर नीची | नित्य उत्साह, धन-धान्य की विपुलता |
दैत्यप्रष्ठ | पूर्व, आग्नेय एवं ईशान कोंण में ऊँची एवं पश्चिम में नीची | लक्ष्मी नही आती तथा धन, पुत्र एवं पशुओं की हानि होती हैं |
नागप्रष्ठ | पूर्व एवं पश्चिम में दीर्घ एवं दक्षिण-उत्तर में उच्च | मृत्यु, पत्नि एवं पुत्र की हानि तथा शत्रु-वृद्धि |