दान –
धनिष्ठा नक्षत्र की शांति के लिए दो गायों का दान करना चाहिए ।
रत्न –
मूंगा रत्न धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है मूंगा गहरे लाल से लेकर हल्के लाल रगों में पाया जाता है ।
शुभ प्रभाव – शारीरिक तथा मानसिक बल, अच्छे दोस्त, धन-धान्य प्रदान करता है ।
धारण – इस रत्न को दायें हाथ की अनामिका उंगली में मंगलवार को धारण करना चाहिए ।
व्रत –
धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह का व्रत 21 मंगलवारों तक करना चाहिये । यह व्रत अधिक दिन भी किया जा सकता है । लाल वस्त्र धारण करना चाहिये । भोजन में गुड़ से बना हलवा या लड्डू इत्यादि खाये । नमक नहीं खाये । इस व्रत के करने से ऋण से छुटकारा मिलता है । संतान सुख प्राप्त होता है ।
मन्त्र –
जप संख्या – 10000
वैद मन्त्र –
ॐ वसो:पवित्रमसि शतधारंवसो: पवित्रमसि सहत्रधारम । देवस्त्वासविता पुनातुवसो: पवित्रेणशतधारेण सुप्वाकामधुक्ष: ।
पौराणिक मंत्र –
श्राविष्ठादेवतां वंदे वसुन्वरधराश्रिताम् । शंखचक्रांकितरांकिरीटांकित मस्तकाम् ॥
नक्षत्र देवता मंत्र –
ॐ वसुभ्यो नमः ।
नक्षत्र नाम मंत्र –
ॐ धनिष्ठायै नमः ।
पूजन –
धनिष्ठा नक्षत्र को अनुकूल बनाने के लिए शमी और सेमर के पौधे की पूजा की जाती है ।