मेष राशि में मंगल हो तो जातक सत्यवक्ता, तेजस्वी, शूरवीर, नेता, साहसी, दानी, राजमान्य, लोकमान्य, धनवान होता है।
वृष राशि में मंगल हो तो जातक पुत्र द्वेेष, प्रवासी, सुखहीन, पापी, लड़ाकू प्रकृति, वचक होता है।
मिथुन राशि में मंगल हो तो जातक शिल्पकार, परदेशवासी, कार्यदक्ष, सुखो, जनहितैषी होता है।
कर्क राशि में मंगल हो तो…
मेष राशि में बुध हो तो जातक कृशदेही, चतुर, प्रेमी, नट, सत्यप्रिय, रतिप्रिय, लेखक होता है।
वृष में हो तो शास्त्रज्ञ, व्यायामप्रिय, धनवान्, गम्भीर, मधुरभाषी, विलासी, रतिशास्त्रज्ञ होता है।
मिथुन राशि में हो तो मधुर भाषी, शास्त्रज्ञ, लव्ध-प्रतिष्ठ, वक्ता, लेखक, अल्पसन्ततिवान्, विवेकी, सदाचारी होता है।
कर्क राशि में हो तो बाचाल, गवैया, स्त्रीरत, कामी, परदेश…
मेष राशि में चन्द्रमा हो तो जातक दृढशरीर, स्थिर सम्पत्तिवान्, शूर, बन्धुहीन, कामी, उतावला, जल-भीरु होता है।
वृप राशि में चन्द्रमा हो तो जातक सुन्दर, प्रसन्नचित्त, कामी, दानी, कन्या सन्ततिवान्, शान्त, कफरोगी होता है।
मिथुन राशि में चन्द्रमा हो तो जातक रति कुशल, भोगी , मर्मज्ञ, विद्वान्, नेत्रचिकित्सक होता है।
कर्क राशि में चन्द्रमा हो तो जातक…
मेष राशि में गुरु हो तो जातक वादी, वकील, ऐश्वर्यशाली, तेजस्वी, प्रसिद्ध, कीर्तिमान्, विजयी होता है।
वृष राशि में गुरु हो तो जातक आस्तिक, पुष्ट शरीर, सदाचारी, धनवान्, चिकित्सक, विद्वान्, बुद्धिमान् होता है।
मिथुन राशि में गुरु हो तो जातक विज्ञान विशारद, अनायास धन प्राप्त करने वाला, लोक-मान्य, लेखक, व्यवहार कुशल होता है।
कर्क राशि…
मेष राशि में केतु हो तो जातक चंचल, बहुभाषी, सुखी होता हैं।
वृष राशि में केतु हो तो जातक दुखी, निरुद्यमी, आलसी, वाचाल होता हैं।
मिथुन राशि में केतु हो तो जातक वार्ताकारी, अल्प सन्तोपी, दाम्भिक, अल्पायु, क्रोधि होता हैं।
कर्क राशि में केतु हो तो जातक वातविकारी, भूत-प्रेत पीडित, दुःखी होता हैं।
सिंह राशि…
राशी अंकराशिचर स्थिर या द्विस्वभावक्रूर या सौम्यपुरुष या स्त्रीतत्त्वदिगीशअन स्वामीउदय1मेषचरक्रूरपुरुषअग्निपूर्वसिरपृष्टोदय2वृषस्थिरसौम्यस्त्रीपृथ्वीदक्षिणगला (मुख)पृष्टोदय3मिथुनद्विस्वभावक्रूरपुरुषवायुपश्चिमगला बाहुशीर्षोदय4कर्कचरसौम्यस्त्रीजलउत्तरवक्षस्थलपृष्टोदय5सिंहस्थिरक्रूरपुरुषअग्निपूर्वह्रदयशीर्षोदय6कन्याद्विस्वभावसौम्यस्त्रीपृथ्वीदक्षिणपेटशीर्षोदय7तुलाचरक्रूरपुरुषवायुपश्चिमगुर्दा, कमरशीर्षोदय8वृश्चिकस्थिरसौम्यस्त्रीजलउत्तरलिंग, गुदाशीर्षोदय9धनद्विस्वभावक्रूरपुरुषअग्निपूर्वपैरों की संधिपृष्टोदय10मकरचरसौम्यस्त्रीपृथ्वीदक्षिणपैरों के गाँठ, ठेहुना, घुटनापृष्टोदय11कुंभस्थिरक्रूरपुरुषवायुपश्चिमफिल्लिया घुटने से एड़ी तकशीर्षोदय12मीनद्विस्वभावसौम्यस्त्रीजलउत्तरपैर, सुपतीउदयोदय
पंडित पवन कुमार शर्मा
मेष – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ
वृष – ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
मिथुन – का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
कर्क – ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
सिंह – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे…
राशि अक्षर – मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
प्रतीक- शेर
स्वामी- सूर्य, अग्नि तत्व
शुभ अंक - शुभ अंक - 1, 5 और 9
मित्र राशियां - मिथुन, कन्या, मेष व धनु
अनुकूल रत्न - माणिक्य, मूंगा
शुभ रुद्राक्ष- एक मुखी रुद्राक्ष
दिशा- पूर्व
अनुकूल रंग- चमकीला, श्वेत, पीला, भगवा
शुभ…