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विंशोत्तरी-दशा-फल-राहु

मेष राशि में राहु हो तो उस की दशा में अर्थ-लाभ, साधारण सफलत्ता, घरेलू झगडे, भाई से विरोध वृष में हो तो राज्य से लाभ, अधिकारप्राप्ति, कष्टसहिष्णुता, सफलता मिथुन में हो तो दशा के प्रारम्भ में कष्ट, मध्य में सुख कर्क में हो तो अर्थलाभ, पुत्रलाभ नवीन कार्य करना, धन सचित करना; सिंह में हो…

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विंशोत्तरी-दशा-फल-चन्द्र

चन्द्र दशाफल - पूर्ण, उच्च का और शुभग्रह युत चन्द्रमा हो तो उस की दशा में अनेक प्रकार से सम्मान, मन्त्री, धारासभा का सदस्य, विद्या, धन आदि प्राप्त करने वाला होता है। नीच या शत्रुराशि में रहने पर चन्द्रमा की दशा में कलह, क्रूरता, सिर में दर्द, घननाश आदि फल होता है। चन्द्रमा मेषराशि में…

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विंशोत्तरी-दशा-फल-गुरु

गुरु की दशा में ज्ञानलाभ, घन वस्त्र-वाहन-लान, कण्ठ रोग, गुल्मरोग, प्लीहा रोग आदि फल प्राप्त होते है। मेष राशि में गुरु हो तो उस की दशा में लफ़तरी, विद्या, स्त्री, घन, पुन, सम्मान आदि का लाभ वृष में हो तो रोग, विदेश में निवास, धनहानि मिथुन में हो तो विरोध, वलेश, धननाश …

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विंशोत्तरी-दशा-फल-केतु

मेष में केतु हो तो घनलाभ, यश, स्वास्थ्य वृष में हो तो कष्ट, हानि, पोडा, चिन्ता, अल्पलाभ मिथुन में हो तो कोत्ति, बन्धुओं से विरोध, रोग, पीडा कर्क में हो तो अल्पसुख, कल्याण, मित्रता, पुत्रलाभ, स्त्री-लाभ सिंह में हो तो अल्पसुख, घनलाभ कन्या में हो तो नोरोग, प्रसिद्ध, सत्कार्यों से प्रेम, नवीन काम करने…

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द्वादश राशियों में सूर्य ग्रह का फल

मेष राशि में सूर्य हो तो जातक आत्मवली, स्वाभिमानी, प्रतापी, चतुर, पित्तविकारी, युद्धप्रिय, साहसी, महत्त्वाकाक्षी, शूरवीर, गम्भीर, उदार होता है। वृष राशि में सूर्य हो तो जातक स्वाभिमानी, व्यवहारकुशल, शान्त, पापभीरु, मुखरोगी स्त्रीद्वेपी होता है। मिथुन राशि में सूर्य हो तो जातक विवेकी, विद्वान्, बुद्धिमान्, मधुर भाषी, नम्र, प्रेमी, धनवान्, ज्योतिषी, इतिहासप्रेमी, उदार होता है। कर्क…

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द्वादश राशियों में शुक्र ग्रह का फल

मेष राशि में शुक्र हो तो जातक विश्वासहीन, दुराचारी, परस्त्रीरत, झगडालू, वेश्यागामी होता है। वृष राशि में शुक्र हो तो जातक सुन्दर, ऐश्वर्यवान्, दानी, सात्त्विक, सदा चारी, परोपकारी, अनेक शास्त्रज्ञ होता है। मिथुन राशि में शुक्र हो तो जातक चित्रकलानिपुण, साहित्यिक, कवि, साहित्य-स्रष्टा, प्रेमी, सज्जन, लोकहितैषी होता है। कर्क राशि में शुक्र हो तो जातक…

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द्वादश राशियों में शनि ग्रह का फल

मेष राशि में शनि हो तो जातक आत्मबलहीन, व्यसनी, निर्धन, दुराचारी, लम्पट, कृतघ्न होता है। वृष में हो तो असत्यभापी, द्रव्यहीन, मूर्ख, वचनहीन होता है। मिथुन में हो तो काटी, दुराचारी, पाखण्डी, निर्धनी, कामी होता है। कर्क में हो तो वाल्यावस्था में दुःखी, मातृरहित, प्राज्ञ, उन्नतिशील, विद्वान् होता है। सिंह में हो तो लेखक, अध्यापक,…

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द्वादश राशियों में राहु ग्रह का फल

मेष राशि में राहु हो तो जातक पराक्रमहीन, आलसी, अविवेकी होता है। वृष राशि में राहु हो तो जातक सुखी, चंचल, कुरूप होता है। मिथुन राशि में राहु हो तो जातक योगाभ्यासी, गवैया, वलवान्, दीर्घायु होता है। कर्क राशि में राहु हो तो जातक उदार, रोगी, धनहीन, कपटी, पराजित होता है। सिंह राशि में राहु…

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