कुंडली में राहु ग्रह प्रतिकूल हो तो राहु ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए उपाय –
दान –
काली भेड़, गोमेद, लोहा, कम्बल, सोने का नाग, तिलपूर्ण ताम्रपात्र का दान करने से राहु जनित दोष शान्त होते हैं ।
रत्न –
गोमेद रत्न राहु को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है । इसका रंग हल्के शहद रंग से लेकर गहरे शहद रंग तक होता है ।
शुभ प्रभाव – अकस्मात् ही कही से धन अथवा अन्य लाभ प्रदान कर सकता है ।
धारण – गोमेद रत्न को दायें हाथ की मध्यमा उंगली में शनिवार को धारण करना चाहिए ।
व्रत –
राहु का व्रत 18 शनिवारों तक करना चाहिये । काले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिये । पात्र में जल, दूर्वा और कुशा अपने पास रख ले । जप के बाद इनको पीपल की जड़ में चढ़ा दे । भोजन में मीठा चूरमा, मीठी रोटी, समयानुसार रेवड़ी, और काले तिल से बने पदार्थ खाये । रात में घी का दीपक पीपल वृक्ष की जड़ में रख दिया करे । इस व्रत के करने से शत्रु का भय दूर होता है, राजपक्ष से विजय मिलती है, सम्मान बढ़ता है ।
मंत्र –
- वैदिक मन्त्र (जप संख्या – 18000)
ॐ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा । कया शचिष्ठया वृता ।।
2. बीज मंत्र (जप संख्या – 18000)
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
3. मूल मंत्र (जप संख्या – 18000)
ॐ राहवे नमः
4. तांत्रिक मंत्र (जप संख्या – 18000)
ॐ रां राहवे नमः
5. पौराणिक मंत्र (जप संख्या – 18000)
अर्घकाय महावीर्यं चंद्रादित्यविमर्दनम् । सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम् ॥
पूजन –
राहु ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए दूर्वा की पूजा की जाती है ।
यन्त्र –
राहुयन्त्रम्
विश्वाष्टतिथ्यामनुसूर्यदिश्या खगामहीन्द्रैकदशांशकोष्ठे । विलिख्य यन्त्रं सततं विधार्यं राहोः कृतारिष्टनिवारणाय ॥
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