जब जन्म कुण्डली में या वर्ष-कुण्डली में या ग्रह गोचर आदि में कोई ग्रह खराब स्थिति में हो तो अरिष्ट-निवारण के लिये ग्रहों के निमित्त दान-पुण्य करने की विधि हैं ।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के आनुकूल्य प्राप्ति हेतु विभिन्न प्रकार के दान बताये गये हैं । ग्रहों के भिन्न-भिन्न प्रकार के दान कहे गये…
सूर्य
ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्य च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्॥
चन्द्र
ॐ इमं देवा असपत्नः सुवध्वं महते क्षत्राय महते ज्यैष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय।
इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी सोमोऽस्माकं ब्राह्मणाना राजा॥
मंगल
ॐ अग्निर्मूर्धा दिवः ककुत्पतिः पृथिव्या अयम्।
अपा गुंग रेता गुंग सि जिन्वति॥
बुध
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स गुंग…
सूर्य
पद्मासनः पद्मकर: पद्मागर्भसमद्युतिः ।
सप्ताश्वः सप्तरज्जुश्च द्विभुज: स्यात् सदा रविः ॥
सूर्य ग्रहों के राजा हैं। यह कश्यप गोत्र के क्षत्रिय एवं कलिंग देश के स्वामी हैं। जपाकुसुम के समान इनका रक्तवर्ण है। दोनों हाथों में कमल लिये हुए हैं, सिन्दूर के समान वस्त्र, आभूषण और माला धारण किये हुए हैं।ये जगमगाते हुए हीरे के…