सामग्री पर जाएं Skip to sidebar Skip to footer

उच्च राशि ग्रह-फल

1. सूर्य सूर्य मेष राशि में हो तो जातक भाग्यशाली, धनी, यशस्वी, सुखी, नेतृत्वशक्ति सम्पन्न, शूरवीर तथा विद्वान् होता है । 2. चन्द्रमा चन्द्रमा वृष राशि में हो तो जातक यशस्वी, विलासी, अलंकार-प्रिय, सुन्दर, सुखी, चपल स्वभाव का तथा मिष्ठान-प्रिय होता है।  3. मंगल मंगल मकर राशि में हो तो जातक शूर…

और पढ़ें

नवग्रह रत्न

ग्रहरत्नभारधातुअंगुलीवारसमयसूर्यमाणिक्य3 रत्तीसोनाअनामिकारविप्रातःचन्द्रमोती3 रत्तीचांदीकनिष्कासोमप्रातःमंगलमूंगा6 रत्तीचांदीअनामिकामंगलप्रातःबुधपन्ना4 रत्तीसोनाकनिष्काबुधप्रातःगुरुपुखराज4 रत्तीसोनातर्जनीगुरुप्रातःशुक्रहीरा¼ रत्तीप्लेटिनमकनिष्काशुक्रप्रातःशनिनीलम4 रत्तीपञ्च धातुमध्यशनिसंध्याराहूगोमेद5 रत्तीअष्ट धातुमध्यशनिसूर्यास्तकेतुलहसुनिया6 रत्तीचांदीअनामिकागुरुसूर्यास्त पंडित पवन कुमार शर्मा

और पढ़ें

नवग्रह वाटिका

ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए उस ग्रह का जो पौधा कहा गया हैं उस पौधे का आरोपण करके उसका सिंचन व पूजन करना चाहिए । जैसे - शनि ग्रह प्रतिकूल हो तो घर में शमी(खेजड़ी) का पौधा लगाना चाहिए । कुंडली में नवग्रह प्रतिकूल हो तो सभी ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए अपने…

और पढ़ें

ग्रह यन्त्रम्

सूर्ययन्त्रम् रसेन्दुनागा नगवाणरामा, युग्माङ्कवेदा नवकोष्ठमध्ये । विलिख्य धार्यं गदनाशनाय, वदन्ति गर्गादिमहामुनीन्द्राः ॥ 618753294 चन्द्रयन्त्रम् नागद्विनन्दा गजषट् समुद्रा शिवाक्षिदिग्वाणविलिख्य कोष्ठे । चन्द्रकृतारिष्टविनाशनाय धार्यं मनुष्यैः शशियन्त्रमीरितम् ॥ 7296643105 मंगलयन्त्रम् गजाग्निदिश्याथनवाद्रिवाणा पातालरुद्रारससंविलिख्य । भौमस्य यन्त्रं क्रमशो विधार्य मनिष्टनाशं प्रवदन्ति गर्गाः ॥ 83101754116 बुधयन्त्रम् नवाब्धिरुद्रा दिङ्नागषष्ठा वाणार्कसप्ता नवकोष्ठयन्त्रे । विलिख्य धार्यं गदनाशहेतवे वदन्ति यन्त्रं शशिजस्य धीराः ॥ 951110865127 बृहस्पतियन्त्रम् दिग्वाणसूर्या शिवनन्दसप्ता षड्विश्वनागाक्रमतोऽङ्ककोष्ठे ।…

और पढ़ें

ग्रह दृष्टि

ग्रहसूर्यचन्द्रमंगलबुधगुरुशुक्रशनिएकपाद3,103,103,103,103,103,10........अर्ध5,95,95,95,9........5,95,9त्रिपाद4,84,8...........4,84,84,84,8पूर्ण दृष्टिसप्तमसप्तम4,7,8सप्तम5,7,9सप्तम3,7,10 पंडित पवन कुमार शर्मा

और पढ़ें

काल सर्प योग

भारतीय संस्कृति में नागों का बहुत महत्व है। नाग भगवान शिव के गले का हार है इन्हें शक्ति एवं सूर्य का अवतार माना गया है। अमृत-मन्थन के समय जब राहु का सिर काटकर अलग कर दिया गया, उस समय अमृत पीने के कारण उसका मरण नहीं हुआ। वह एक से दो हो गया। ब्रह्माजी ने…

और पढ़ें

ग्रहों की अवस्था  

विषम राशियां    मेष, मिथुन, सिंह         तुला, धनु, एवं कुंभ (1,3,5,7,9,11)   विषम राशियां हैं ।       सम राशियां   वृष, कर्क, कन्या    वृश्चिक, मकर, एवं मीन (2,4,6,8,10,12)   सम राशियां हैं ।                                                                          अंश            00°00`     06°00 `  06°00 `   12°00 ` 12°00 `    18°00 `  18°00…

और पढ़ें

hi_INHI