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पर्वाण्येतानि राजेन्द्र रविसंक्रांतिरेव च ॥
स्त्रीतैलमांसभोगी च पर्वस्वेतेषु वै पुमान् ।
विण्मूत्रभोजनं नाम प्रयाति नरकं ध्रुवम् ॥ 

विष्णुपुराण के अनुसार पञ्चपर्व-

1 चतुर्दशी

2  अष्टमी

3 अमावस्या

4  पूर्णिमा

5  रविसंक्रान्तिक

पञ्चपर्व में जो मनुष्य

1 स्त्रीसम्भोग

2  तैलाभ्यङ्ग

3  मांसभोजन

करता है, वह मनुष्य विष्मूत्र भोजन नामक नरक में  वास करता है।

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