शुक्र की दशा में रत्न, वस्त्र आभूषण सम्मान, नवीन कार्यारम्भ, वाहनसुख आदि फल मिलते हैं।
मेष रानि में शुक्र हो तो मन में चंचलता, विदेश भ्रमण, उद्वेग, व्यसन प्रेम, धनहानि
वृष में हो तो विद्यालाभ, धन, कन्या सुख की प्राप्ति
मिथुन में हो तो काव्य प्रेम, प्रसन्नता, धनलाभ, परदेशगमन, व्यवसाय में उन्नति
कर्क में हो तो उद्यम से धनलाभ, आभूषणलाभ, स्त्रियो से विशेष प्रेम
सिंह में हो तो साधारण आर्थिक कष्ट, स्त्री-द्वारा धनलाभ, पुत्रहानि, पशुओं से लाभ
कन्या में हो तो आर्थिक कष्ट, दुखी, परदेश गमन, स्त्री-पुत्र से विरोध
तुला में हो तो रूपातिलाभ, भ्रमण, अपमान
वृश्चिक में हो तो प्रताप, क्लेश, धनलाभ, सुख, चिन्ता
धनु में हो तो काव्यप्रेम, प्रतिभा का विकास, राज्य से सम्मान लाभ, पुत्रो से स्नेह
मकर में हो तो चिन्ता, कष्ट, वात कफ के रोग
कुम्भ में हो तो व्यसन, रोग, कष्ट, धन हानि और
मीन में हो तो राजा से धनलाभ, व्यापार से लाभ, कारोबार की वृद्धि, नेतागिरी आदि फलो की प्राप्ति होती है ।