
संक्षिप्त जानकारी
श्री घनश्याम शर्मा एक वैदिक पंडित हैं। वह भारत की सबसे बड़ी खारी झील सांभर-झील जयपुर के एक पारंपरिक ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह अपने पिता की छाया में आध्यात्मिकता के दिव्य वातावरण में पले-बढ़े।
उनके पिता एक महान ज्योतिषी थे जिन्होंने 1999 में इस भौतिक दुनिया को छोड़ दिया। पंडित जी का झुकाव बचपन से ही अपनी तीन पीढ़ियों के कारण इस दिव्य विज्ञान की ओर था। वह भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं।
पंडित जी ने एक हजार से अधिक वैदिक अनुष्ठान किए हैं। वैदिक कर्मकांड, मुहूर्त, पूजा, जप, वैदिक-कर्म कांड आदि के क्षेत्र में गहन ज्ञान और विशेषज्ञता होने के कारण, उनका एकमात्र मकसद लोगों को सटीक और अच्छी तरह से विश्लेषण किए गए सुझावों और उपचारों से संतुष्ट करना है।
उनके मददगार, ईमानदार और सरल स्वभाव के कारण लोग पंडित जी से अपनी समस्याएं साझा करते रहे हैं। बहुत से लोग लाभान्वित हुए हैं जब वे तनाव में थे, दुखी थे और अपनी वर्तमान परिस्थितियों को स्वीकार कर चुके थे। उनके लगातार काम के पीछे की प्रेरणा और ताकत उन लोगों की सफलता की कहानियां हैं जिनकी मदद की गई है।