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पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार श्राप दोष के कारण संतान हानि होती है यदि उस श्राप का निवारण किया जाये तो संतान प्राप्ति संभव है

सर्प श्राप राहु
पितृ श्रापसूर्य
मातृ श्रापचन्द्र
भाई श्रापमंगल
ब्रह्म श्रापगुरू
पत्नि श्रापशुक्र
प्रेत श्रापशनि

सर्प श्राप

राहू का प्रभाव पंचम भाव पंचमेश, भाव कारक के साथ पाप ग्रहों और विशेष मंगल के साथ सम्बन्ध होने से सर्प श्राप के कारण संतान नही होती है

उपाय –

  • सर्प(नागराज) की स्वर्ण की मूर्ती बनाकर पूजा करे
  • गाय, भूमि, तिल, स्वर्ण का दान करे

पितृ श्राप

सूर्य का सम्बन्ध संतान भाव से सम्बन्धित, भाव, भावेश, कारक, भावत, भावम्, नवांश, सप्तमांश से हो व सूर्य और दशम भाव पीडित हो तो पितृ दोष के कारण संतान में बाधा आती है।

उपाय –

  • श्राद्ध करे
  • ब्राह्मण भोजन करें
  • गो दान करे
  • कन्या दान करे

मातृ श्राप

पंचम, चतुर्भ और चन्द्र देव पीडित अवस्था में हो

उपाय –

  • रामेश्वरम् स्नान
  • गायत्री जप
  • ग्रहों का दान
  • ब्राह्मण भोजन
  • 1008 बार पीपल परिक्रमा कुल वृद्धि और पुत्र प्राप्ति होती है

भाई श्राप

पंचम, तृतीय, मंगल का सम्बन्ध व पाप पीडित है।

उपाय –

  • हरिवंश पुराण श्रवण करे ।
  • पीपल वृक्ष का रोपन या पूजन ।
  • चान्द्रायन व्रत करे ।

ब्रह्म श्राप

पंचम, गुरु का सम्बन्ध और पीड़ित हो

उपाय –

  • गो दान, स्वर्ण दान
  • ब्राह्मण भोजन (विशेष लाभदायक)

पत्नि श्राप

पंचम, सप्तम, शुक्र से विचार

उपाय –

  • कन्या दान
  • गो दान

प्रेत श्राप

पंचम शनि से विचार

उपाय –

  • गया श्राद्ध करके रुद्राभिषेक करने से शांति होती है
  • नीलम दान

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