मंगल जन्म राशि के प्रथम स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को शत्रु का भय होता है।
मंगल जन्म राशि के दूसरे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को घन के नाश होता है।
मंगल जन्म राशि के तीसरे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को अर्थलाभ होता है।
मंगल जन्म राशि के चौथे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को शत्रु का भय होता है।
मंगल जन्म राशि के पांचवे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को मृत्यु का भय होता है।
मंगल जन्म राशि के छठे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को वित्त लाभ होता है।
मंगल जन्म राशि के सातवें स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को शोक प्राप्त होता है।
मंगल जन्म राशि के आठवें स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को अस्त्रापात होता है।
मंगल जन्म राशि के नवे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को कार्यनाश होता है।
मंगल जन्म राशि के दशवे स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को अत्यन्त सुख होता है।
मंगल जन्म राशि के ग्यारहवें स्थान में स्थित होने पर मनुष्य को पृथ्वीलाभ होता है।
मंगल जन्म राशि के बारहवें स्थान स्थान में स्थित होने पर मनुष्य रोगी होता है और उसके धन का नाश हो जाता है।