कुंडली में गुरु ग्रह प्रतिकूल हो तो गुरु ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए उपाय –
दान –
गुरु ग्रह की शान्ति के लिये अश्व, स्वर्ण, मधु (शहद), पीला वस्त्र, पीला धान्य जैसे धान, चने की दाल इत्यादि, नमक, पुष्प (पीला), शर्करा तथा हल्दी, पुस्तक, पुखराज रत्न, भूमि एवं छत्र का दान करना चाहिये ।
रत्न –
पीला पुखराज रत्न बृहस्पति को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है । इसका रंग हल्के पीले से लेकर गहरे पीले रंग तक होता है।
शुभ प्रभाव – धन, विद्या, समृद्धि, अच्छा स्वास्थय प्रदान करता है ।
धारण – पुखराज रत्न को दायें हाथ की तर्जनी उंगली में गुरुवार को धारण करना चाहिए ।
व्रत –
गुरु का व्रत 16 बृहस्पति वारों तक करना चाहिये । पीले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिये । भोजन में चने के बेसन, घी और चीनी से बनी मिठाई लड्डू ही खाये । यह व्रत विद्यार्थियों के लिये बुद्धि और विद्याप्रद है । इस व्रत से धन की स्थिरता और यश की वृद्धि होती है । अविवाहितों को यह व्रत विवाह में सहायक होता है ।
मंत्र –
- वैदिक मन्त्र (जप संख्या – 19000)
ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु । यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम् ।।
2. बीज मंत्र (जप संख्या – 19000)
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः
3. मूल मंत्र (जप संख्या – 19000)
ॐ गुरवे नमः
4. तांत्रिक मंत्र (जप संख्या – 19000)
ॐ बृं बृहस्पतये नमः
5. पौराणिक मंत्र (जप संख्या – 19000)
देवानां च ऋषीनां च गुरुं कांचनसन्निभम् । बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् ॥
पूजन –
गुरु ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए पीपल की पूजा की जाती है ।
यन्त्र –
बृहस्पतियन्त्रम्
दिग्वाणसूर्या शिवनन्दसप्ता षड्विश्वनागाक्रमतोऽङ्ककोष्ठे । विलिख्य धार्यं गुरुयन्त्रमीरितं रुजाविनाशाय वदन्ति तद्बुधाः ॥
10 | 5 | 12 |
11 | 9 | 7 |
6 | 13 | 8 |