बुभस्य घटिका पंच शौरिर्मष्यान्हमेवच । 'चन्द्र जीवेच सन्ध्यायां भोमच घठिकावय | राहुकेश्वो रर्धरात्रे सूर्यशुक्र अरुणोदये अन्यकाले न कर्तव्य कृते दानन्तु निष्फलं ॥
- बुध का दान सूर्य उदय से 2 घंटे बाद करना चाहिए |
- शनिश्चर का दान दोहपहर में करना चाहिए |
- चन्द्रमा और बृहस्पति का दान सन्ध्या को करना चाहिए |
- मंगल का दान सूर्य उदय से 48 मिनट बाद करना चाहिए |
- राहु, केतु का दान मध्य रात्री में करना चाहिए |
- सूर्य और शुक्र का दान सूर्य उदय पर करना चाहिए |
यदि अन्य समय दान करे तो निष्फल होता है ।
और छायादान कांसी की कटोरी में घी भरकर सूर्य उदय पर करना चाहिए |