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अश्लेषा नक्षत्र

पहचानअश्लेषा नक्षत्र 5 तारों से मिलकर बना हैं । इसका आकर चक्र के सामान हैं ।नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रहडी        डू         डे        डो गुरु      शनि       शनि      गुरुदिशादक्षिणदेवतासर्पस्वामी गृहबुधस्वामी गृह दशा17 वर्षशुभाशुभशोकतत्त्वजलनक्षत्र गणराक्षसनक्षत्र संज्ञातीक्षण    दारूवृक्षनाग केसरवर्णविप्रयोनीमार्जारयोनी वैरमूषकगुणसत्वगुणनाड़ीअन्त्यराशिकर्कनक्षत्र राशी स्वामीचन्द्रलिंगस्त्रीजातिचांडालवश्यजलचरप्रभावित अंगकान पंडित पवन कुमार शर्मा

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पुष्य नक्षत्र

पहचानपुष्य नक्षत्र 3 तरी से मिलकर बना हैं । इसका आकार बाण के सामान हैं । इसके छोटे तीन तारों सेव त्रिकोण बनता हैं, जो देखने में एक तारे के समान दिखता हैं ।नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रहहु        हे         हो           डा सूर्य     बुध    शुक्र       मंगलदिशापूर्वदेवताब्रहस्पति  स्वामी गृहशनिस्वामी…

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पुनर्वसु नक्षत्र

पहचानपुनर्वसु नक्षत्र 4 तारों से मिलकर बना होता हैं । इसका आकार घर के समान माना जाता हैं ।नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रहके        को        ह          ही मंगल    शुक्र      बुध      चन्द्रदिशाउत्तरदेवताअदितिस्वामी गृहगुरुस्वामी गृह दशा16 वर्षशुभाशुभभयनक्षत्र गणदेवनक्षत्र संज्ञा  चर    चलवृक्षबॉसवर्णके   को   ह – शुद्र     ही – विप्र योनीमार्जारयोनी वैरमूषकगुणसत्वगुणनाड़ीआदिराशिके   को   ह – मिथुन  …

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आद्रा नक्षत्र

पहचानआद्रा नक्षत्र में एक तारा होता हैं । यह प्राय भरणी के सीध में और मृगशिरा तथा पुनर्वसु के बीच में दिखता हैं । इसका आकर मणि के समान माना जाता हैं ।नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रहकृ           ध           ड            छ गुरु         शनि       शनि       गुरुदिशापश्चिमदेवताशिवस्वामी गृहराहुस्वामी गृह…

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मृगशिरा नक्षत्र

पहचानमृगशिरा नक्षत्र 3 तारों से मिलकर बना हैं । इसका आकर हिरण के समान माना जाता हैं ।नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रहवे        वो           क          की  सूर्य    बुध       शुक्र         मंगलदिशादक्षिणदेवताचन्द्रस्वामी गृहमंगलस्वामी गृह दशा7 वर्षशुभाशुभशुभतत्त्ववे     वो – भूमि,       क     की – वायुनक्षत्र गणदेववृक्षखैरवर्णवे     वो – वैश्य,      क     की – शुद्रयोनीसर्पयोनी वैरनेवलागुणतमोगुणनाड़ीमध्यराशिवे      वो – वृषभ,     क     …

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रोहिणी नक्षत्र

पहचानरोहिणी नक्षत्र 5 तारों से मिलकर बना हैं । इसके तारों का आकर शकट (गाड़ी) के समान हैं ।नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रहओ       वा           वी              बु मंगल     शुक्र       बुध          चन्द्रदिशापूर्वदेवताब्रह्मास्वामी गृहचन्द्रस्वामी गृह दशा10 वर्षशुभाशुभसिद्धितत्त्वभूमिनक्षत्र गणनरनक्षत्र संज्ञाध्रुव     स्थिरवृक्षजामुनवर्णवैश्ययोनीसर्पयोनी वैरनेवलागुणरजोगुणनाड़ीअन्त्यराशिवृषभनक्षत्र राशी स्वामीशुक्रलिंगपुरुषजातिशुद्रवश्यचतुष्पदप्रभावित अंगललाट पंडित पवन कुमार शर्मा

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कृतिका नक्षत्र

पहचानकृतिका नक्षत्र 6 तारों का समूह हैं । इसका आकर चाकू के सामान हैं ।नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रहअ         इ         उ         ए गुरु      शनि      शनि      गुरुदिशाउत्तरदेवताअग्निस्वामी गृहसूर्यस्वामी गृह दशा6 वर्षशुभाशुभकार्यतत्त्वअ – अग्नि , इ, उ, ए – भूमिनक्षत्र गणराक्षशनक्षत्र संज्ञामिश्र       साधावृक्षगूलरवर्णअ – अग्नि , इ,उ,ए – वैश्ययोनीमेषयोनी…

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भरणी नक्षत्र

पहचानभरणी नक्षत्र छोटे-छोटे तीन तारो से मिलकर बना हैं । इनके तारों का आकर त्रिकोणाकार हैं ।नक्षत्र के चरण एवं चरण स्वामी ग्रहली        लू        ले         लो सूर्य       बुध     शुक्र      मंगल दिशापश्चिमदेवतायम देवतास्वामी गृहशुक्रस्वामी गृह दशा20 वर्षशुभाशुभनाशकतत्त्वअग्निनक्षत्र गणनरनक्षत्र संज्ञा  उग्र     क्रूरवृक्षआवलावर्णक्षत्रिययोनीगजयोनी वैरसिंहगुणरजोगुणनाड़ीमध्यराशिमेषनक्षत्र राशी स्वामीमंगललिंगपुरुषजातिचांडालवश्यचतुष्पदप्रभावित अंगपैर का निचला भाग पंडित पवन कुमार शर्मा

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