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  • संक्रांति के पहले और बाद 6 घंटे 24 मिनट का समय (16 घड़ी) पुण्य काल माना जाता है।
  • आधी रात पूर्व संक्रांति हो तो दिन के तीसरे भाग में पुण्य काल माना जाता है।
  • आधी रात के बाद संक्रांति हो तो दूसरे दिन के पूर्व भाग पहले प्रात: अगले दिन पुण्य काल माना जाता है। और ठीक आधी रात संक्रांति हो तो दोनों दिन पुण्य काल माना जाता है।  
त्रिंशतिः कर्कटेनाडया मकरस्य दशाधिकाःतुलामेषस्य विशास्यात् शेषाः षोडश षाडश ॥
  • कर्क की संक्रांति के पहले और बाद का 12घंटे का समय (30 घड़ी) पुण्य काल माना जाता है।  
  • मकर संक्रांति के पहले और बाद का 16 घंटे का समय (40 घड़ी) पुण्य काल माना जाता है।
  • मेष की संक्रांति के पहले और बाद का 8 घंटे का समय (20 घड़ी) पुण्य काल माना जाता है।
  • अन्य राशिया की  संक्रांति के पहले और बाद का 6 घंटे 24 मिनट का समय (16 घड़ी) पुण्य काल माना जाता है।
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