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अक्षर-संस्कार-मुहूर्त

वर्षजन्म से विषम वर्ष (तीन या पांच)मासमाघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़पक्षशुक्लपक्ष तथा कृष्णपक्ष में प्रतिपदा से पंचमी तिथि पर्यत्नतिथियाँ2, 3, 5, 6, 7, 10, 11, 12वारसोम, बुध, गुरु एवं शुक्रनक्षत्रअश्विनी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, चित्रा, स्वाती, अनुराधा, श्रवण एवं रेवतीलग्नवृष, मिथुन, कन्या, धनु एवं मीनअन्य त्याज्य समयहरिशयन, संक्रान्ति, मासान्त, गुरु-शुकास्त, बाल, वृद्ध के अतिचार, सिंह…

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यात्रा- विचार

शुभ मुहूर्त में यात्रा करने से, बिना अधिक परिश्रम किये कार्य की सिद्धि होती है जबकि अशुभ मुहूर्त में यात्रा करने से हानि होती हैं । गुरु या शुक्र का अस्त होना यात्रारम्भ के लिए शुभ नहीं माना जाता हैं । तिथि रिक्ता, अमावस, पूर्णिमा, षष्ठी, अष्टमी, द्वादशी और शुक्ल प्रतिपदा को छोड़कर शेष सभी…

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