मेष में केतु हो तो घनलाभ, यश, स्वास्थ्य
वृष में हो तो कष्ट, हानि, पोडा, चिन्ता, अल्पलाभ
मिथुन में हो तो कोत्ति, बन्धुओं से विरोध, रोग, पीडा
कर्क में हो तो अल्पसुख, कल्याण, मित्रता, पुत्रलाभ, स्त्री-लाभ
सिंह में हो तो अल्पसुख, घनलाभ
कन्या में हो तो नोरोग, प्रसिद्ध, सत्कार्यों से प्रेम, नवीन काम करने…
शुक्र अन्तर्दशा चक्र (काल अवधि 20 वर्ष)
ग्रहशु.सू.चं.मं.रा.बृ.श.बु.के.योगवर्ष31113232120मास4082082102 दिन000000000
पंडित पवन कुमार शर्मा
केतु अन्तर्दशा चक्र (काल अवधि 7 वर्ष)
ग्रहके.शु.सू.चं.मं.रा.बृ.श.बु.योगवर्ष0100010107मास42474011111 दिन2706027186627
पंडित पवन कुमार शर्मा
बुध अन्तर्दशा चक्र (काल अवधि 17 वर्ष)
ग्रहबु.के.शु.सू.चं.मं.रा.बृ.श.योगवर्ष20201022217मास4111010511638 दिन2727060271866
पंडित पवन कुमार शर्मा
शनि अन्तर्दशा चक्र (काल अवधि 16 वर्ष)
ग्रहश.बु.के.शु.सू.चं.मं.रा.बृ.योगवर्ष32130112216मास08121171106 दिन36601206612
पंडित पवन कुमार शर्मा
राहु अन्तर्दशा चक्र (काल अवधि 18 वर्ष)
ग्रहरा.बृ.श.बु.के.शु.सू.चं.मं.योगवर्ष22221301118मास84106001060 दिन122461818024018
पंडित पवन कुमार शर्मा
मंगल अन्तर्दशा चक्र (काल अवधि 7 वर्ष)
ग्रहमं.रा.बृ.श.बु.के.शु.सू.चं.योगवर्ष0101001007मास40111114247 दिन2718662727060
पंडित पवन कुमार शर्मा
चंद्रमा अन्तर्दशा चक्र (काल अवधि 10 वर्ष)
ग्रहचं.मं.रा.बृ.श.बु.के.शु.सू.योगवर्ष00111101010मास10764757860दिन0000000000
पंडित पवन कुमार शर्मा