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ग्रह-अवस्था

दीप्तः स्वस्थो मुदितः शान्तः शक्तः प्रपीड़ितो दीनः । विकलः खलश्च कथितो नवप्रकारो ग्रहो हरिणा ॥(मानसागरी) ग्रहो की  नौ प्रकार की अवस्थायें कही गई हैं । दीप्त- जो ग्रह अपनी उच्चराशि (परमोच्च ) पर हो  ।  स्वस्थ- जो ग्रह अपनी राशि पर रहे हो  । मुदित- जो ग्रह अपने मित्र ग्रहों की राशि पर रहे हो  । शान्त-…

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ग्रह-दान-समय

बुभस्य घटिका पंच शौरिर्मष्यान्हमेवच । 'चन्द्र जीवेच सन्ध्यायां भोमच घठिकावय | राहुकेश्वो रर्धरात्रे सूर्यशुक्र अरुणोदये अन्यकाले न कर्तव्य कृते दानन्तु निष्फलं ॥ बुध का दान सूर्य  उदय से 2 घंटे बाद करना चाहिए |  शनिश्चर का दान दोहपहर में करना चाहिए |  चन्द्रमा और बृहस्पति का दान सन्ध्या को करना चाहिए |  मंगल का दान सूर्य…

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कुण्डली-उच्च-ग्रह-फल

सूर्य- उच्च मेष राशि फल- जातक भाग्यवान धनी, विद्वान, यशस्वी और सुखी होता है। चन्द्र- उच्च वृष राशि फल- जातक अलंकार प्रिय, विलासी, माननीय, सुखी एवम् चंचल स्वभाव का होता है। मंगल- उच्च मकर राशि फल- जातक राजा द्वारा सम्मान प्राप्त, कर्तव्य परायण तथा साहसी होता है। बुध- उच्च, कन्या राशि फल- जातक बुद्धिमान, लेखक,…

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नक्षत्रो के स्वामी देवता और ग्रह दशा वर्ष

नक्षत्रस्वामीदशावर्षदेवताअश्विनीकेतु7 वर्षअश्वि. कुमारभरणीशुक्र20 वर्षयमकृतिकासूर्य6 वर्षअग्निरोहिणीचन्द्र10 वर्षब्रह्मामृगशिरमंगल7 वर्षचन्द्रआर्द्राराहु18 वर्षशिवपुनवर्सुगुरू16 वर्षअदितिपुष्यशनि19 वर्षगुरूअश्लेशाबुध17 वर्षसर्पमघाकेतु7 वर्षपितरपू. फा.शुक्र20 वर्षभगउ. फा.सूर्य6 वर्षअर्यमाहस्तचन्द्र10 वर्षसूर्यचित्रामंगल7 वर्षविश्वकर्मा नक्षत्रस्वामीदशावर्षदेवतास्वातिराहु18 वर्षवायुविशाखागुरू16 वर्षइन्द्रानिअनुराधाशनि19 वर्षमित्र(सू.)ज्येष्ठाबुध17 वर्षइन्द्रमूलकेतु7 वर्षनिऋतिपूषाशुक्र20 वर्षवरुणउ. षा.सूर्य6 वर्षविश्वेदेवाश्रवणचन्द्र10 वर्षविष्णुधनिष्ठामंगल7 वर्षवसुशतभिषाराहु18 वर्षवरुणपू. भा.गुरू16 वर्षआजेकपादउ. भा.शनि19 वर्षअहिर्बुध्न्यरेवतीबुध17 वर्षपूषा(सूर्य) पंडित पवन कुमार शर्मा

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ग्रह भाव कारक

ग्रहग्रह भाव कारकसूर्यप्रथम, नवम, दशमचंद्रमाचतुर्थमंगलतृतीय, षष्टमबुधचतुर्थ, दशमब्रहस्पतिद्धितीय, पंचम, नवम, दशम, एकादशशुक्रसप्तम, द्वादशशनिषष्टम, अष्टम, दशम पंडित पवन कुमार शर्मा

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ग्रह-अस्त

सबसे प्रकाशमान ग्रह सूर्य है। अन्य सभो ग्रह सूर्य के ही प्रकाश से प्रकाशमान होते है। सूर्य के समीप जब कोई ग्रह आ जाता है तो उसकी ज्योति विलीन हो जाती है अर्थात् वह ग्रह अस्त हो जाता है। चन्द्रमा - सूर्य के 12 अंश के भीतर आता है तो वह अस्त होता है। मंगल…

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